Saturday, May 26, 2007

Happiness

Happiness
( Few Years back in an international survey it was observed that Americans were the happiest persons and India came second. This poem is a cynical response to the said survey. The me is Janata, Mother is Governemnt,)

हाँ मैं खुश हूँ
कबीर के शब्दों के प्रतिकुल
(कबीर कहता है: सुखिया सब संसार , खाये और सोये
दुखिया दास कबीर जागे और रोये)
बिन खाये सोया हूँ
फिर भी खुश हूँ।
मुझे मेरी माँ ने अफीम चटा दी है।
( In rural India it was a general practice of mothers to give a lick of opium to their young infants,to enable them to complete their domestic chores peacefully)
मां की व्यस्त दिनचर्या में एक व्यधान था।
इसीलिये मेरी मां ने मुझे
अशिक्षा की, भाग्यशीलता की
धर्मान्धता की और जांत- पांत की
अफीम चटा दी है
अब मैं बड़ी खुशी के साथ
बिन खाये भी सो पाता हूं।
मां भी क्या करती
वह तो व्यस्त थी
गाय दूहने में
फसल काटने में
पूजा घर में
और पड़ोसी मुल्कों के साथ उच्चस्तरीय वार्तालाप में
मैं और मेरी भूख जो
इन सबके बीच एक व्यधान थी
को अफीम चटा दी है।
और अब मैं कबीर के इतर
बिन खाये भी खुश खुश सो पाता हूं।
हं इसी बीच सर्वेक्षण वाले आये थे।
जो मेरी खुशी को एक कीर्तिमान दे गये।

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