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Wednesday, April 01, 2009

Illusions

जी हां मैं भ्रम बेचता हूं।
इस गणतन्त्र की हाट में
मैं भ्रम बेचता हूं
सब तरह के भ्रम
रखे हैं मेरे झोले में
अलग अलग रंग
अलग अलग छाप के
पूरा विश्वास है आपको
आपकी पसन्द का भ्रम भी दे पाऊंगा
बताईये कैसा भ्रम ढूंढ रहें हैं आप
रंग बताइये आकार समझाइये
हां क्या कहा आपने
सफेद रंग में चाहिये है आपको
तो ले जाइये यह हाथ छाप भ्रम
पिछले पचास साल से एक ही माडल
ज्यों गुजरे समय की
अम्बासडर कार
मार्क एक से मार्क चार तक
कुछ अलग दिखने का भ्रम
फर्क सिर्फ नाम का
न फर्क किसी काम का
सिर्फ़ एक अकेला बिक रहा था इस बाजार में
यह तो पिछले पचास सालों में खुब बिका है

आपकी गराबी हटायेगा
आपके लिये
21 वीं सदी को सीधे सूर्य से
मोल ले आयेगा
भई खूब बिका है यह भ्रम

अच्छा कोई दूसरा माल दिखाऊं
तो भई ये ले जाइये
लाल रंग का भ्रम
इसके wrapper पर
छपी है एक मजदूर की तस्वीर
दम है कि इससे मिलता है
सर्वहारा वर्ग तक को
सुख और खुशहाली का भ्रम
इस भ्रम ने भारत में
मजदूरों के आराम के लिये
व्यापार-उद्योग बन्द करवाये
काम हराम है की धुन बजाई
निठल्लेपन के आराम से
बहुत ही दिलवाया है खुशहाली का भ्रम।


या ये ले जाइये भगवे रंग का भ्रम
इसकी विशेषता
जो wrapper पर छपी है
वह है राम के राज्य की तस्वीर
इसे मन्दिर की
लुभावनी शक्ल में ले जाइये
इस भ्रम से
लोगों को चमक तो नहीं
हां अपनी "SHINING" के ढेर
सारे नारे जरूर मिले


और भी बहुत से रंग व आकार
के भ्रम हैं मेरे झोले में
काले,हरे व पीले रंग के भ्रम

क्या पूछते हैं
कौन सा भ्रम मुझे पसन्द है
जिसे मैं पालता हूं
तो भाई साहब वह है
यह, बिन रंग व wrapper का
एक बेचारा सा भ्रम
जम्हूरियत में
एक आम आदमी,
एक अपग से आम आदमी की
लाचारी को परोसता
हर सवाल पर निरुत्तरित रह जाता
सर झुकाये पीठ पर
ढोता नामर्दगी
और पालता
अपने मर्द होने का भ्रम
अपने जिन्दा होने का भ्रम।