कविता की समाधि
तुम वह जो टीला देख रहे हो
वह कविता की समाधि है।
कविता जो कभी वेदनाओं का मूर्त रुप हुआ करती थी
उपभोक्तावाद की संवेदनहीनता ने
उसकी हत्या कर दी है।
कविता जो चित्र बनाती थी
कविता जो संगीत सृजन करती थी
कविता जो भाव उद्वेलित करती थी
अब टी वी के हास्य मुकाबलों ,
मञ्चीय हास्य कवि सम्मेलनों
और ब्लौग्गरस की दुनिया में
शेष हो गयी है।
आज का युवा
बारहवीं पास या फेल
काल सेन्टर में बैठ
अमीरीकियों की नकल कर
शिकागो में होने की गलतफहमी का शिकार
विवेकानन्द हो गया है।
भाव कविता की पंक्तियों से निकल
शेयर बाजार और सेन्सेक्स के पर्याय हो गये हैं।
कविता अब प्रेम की भाषा नहीं
सड़क छाप Romeo’s की सेक्सी शायरी हो गयी है।
आज विवाह जब evolution के प्रकरण से दूर
वाणिज्यिक गठ बन्धन हो गया है
और तमाम सम्बन्धों की नींव
स्वार्थ की सीमेंट से जुड़ी हों
नित नये नये भगवानों
व आराध्यों के गढ़ने की प्रक्रिया में
हनुमान चालीसा से लालु चालीसा
का सफर तय करने में
कविता की मौत एक स्वाभाविक उपसंहार है।
11 comments:
RESP.SIR,
BEST OF THE BEST
MARKAND DAVE
Kavita Ki Maut to hogyi Sirji, ab Kavi Ka kya Hoga?
ह्रदय स्पर्शी रचना, प्रेरणा दायक.
मैरी कलम भी कुछ इस तरह लिख बैठी है:-
.....कि मैं बेज़ार बैठा हूँ!
कविता की समाधि का जिसे टीला कहा तुमने,
उसी टीले की इक जानिब पे मैं भी आ के बैठा हूँ,
मुझे तो ये 'समाधी' एक 'कलमाडी' सी लगती है,
कईं घोटाले इसमें दफ्न, मैं बेज़ार बैठा हूँ.
.........और भी है... at... http://aatm-manthan.com
ह्रदय स्पर्शी रचना...
कभी समय मिले तो http://shiva12877.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपने एक नज़र डालें .फोलोवर बनकर उत्सावर्धन करें .. धन्यवाद .
दर्द तुम्हारा मेरा भी है
क्योंकि हमारी तलाश
कागज के पन्नों की है
जिन पर भाव हृदय के
अंकित होते है |
अभी प्राण बाकी हैं
कागजों पर ना सही
इन्टरनेट पर
जिन्दा है अभी भी
रूपांतरण हो गया है
जगह बदल गई है
तभी तो
तुमने लिखी मैंने पढ़ी है,
मत कहो,
मत कहो कविता शेष हो गई
दर्द होता है सिने में|
kavita to best he bahi
kavita to best he bahi
Amazing!!!
kavita bahut achhi hai lekin agar lalu ko nahi laate to adviteey ho jaati. lay badal gai.
kuldeep ji
sach ko gahrayee se kheench laye aap
padhkar achha laga
http://kavyachitra.blogspot.com
madhu tripathi MM
tarahti
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